March 12, 2025

घरघोड़ा विवाद: पत्रकारों और वसीम बेग के बीच सुलह, गलतफहमी को किया दूर…

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घरघोड़ा। हाल ही में वसीम बेग की एक टिप्पणी को लेकर पत्रकारों और उनके बीच विवाद गहरा गया था, जिसके चलते दोनों पक्षों ने घरघोड़ा थाने में एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई थीं। हालांकि, अब समाज के वरिष्ठ लोगों और प्रशासन की मध्यस्थता से दोनों पक्षों ने आपसी सहमति बना ली है और शिकायतें वापस लेकर विवाद समाप्त कर दिया है।

क्या था मामला? :
वरिष्ठ पत्रकार गौरीशंकर गुप्ता द्वारा साझा किए गए एक वीडियो पर वसीम बेग ने एक निजी ग्रुप में टिप्पणी की थी- “मीडिया तो सरकार का कुत्ता है।” इस बयान को लेकर स्थानीय पत्रकारों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने इसे मीडिया की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए घरघोड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पत्रकारों ने इस टिप्पणी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।

समझौते से हुआ विवाद समाप्त :
समाज में बढ़ते तनाव को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों, प्रशासनिक अधिकारियों और गणमान्य लोगों ने दोनों पक्षों से संवाद स्थापित किया। प्राप्त जानकारी अनुसार किसी भी पक्ष की मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी, इसलिए मामले को और अधिक तूल देने के बजाय सौहार्द्रपूर्ण समाधान निकालने पर सहमति बनी। इसके बाद, पत्रकारों और वसीम बेग ने आपसी सहमति से अपनी शिकायतें वापस ले लीं…

पत्रकारों का पक्ष: “मीडिया की गरिमा बनी रहनी चाहिए”
समझौते के बाद पत्रकारों ने कहा, “मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, और इसकी स्वतंत्रता एवं गरिमा का सम्मान किया जाना चाहिए। किसी भी तरह की आलोचना को स्वस्थ संवाद के रूप में लिया जाना चाहिए, लेकिन अभद्र भाषा और अपमानजनक टिप्पणियों से बचना जरूरी है।”

वसीम बेग का पक्ष: “शांति और भाईचारा जरूरी”
वसीम बेग ने कहा, “मेरा इरादा किसी को आहत करने का नहीं था।आलोचना किसी भी लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन हमें एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करनी चाहिए। समाज में शांति और भाईचारा बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।”