June 13, 2025

फर्जी पत्रकारों का गिरोह बेनकाब: कबीरधाम पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, स्वास्थ्य विभाग के नाम पर हो रही थी अवैध वसूली…

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कबीरधाम। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो खुद को पत्रकार बताकर स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया के नाम पर सरकारी कर्मचारियों से उगाही कर रहा था। इस मामले में कथित पीए सहित तीन फर्जी पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है, जो लंबे समय से ब्लैकमेलिंग और झूठी खबरों के जरिए लोगों को डराने का खेल खेल रहे थे।

गिरफ्तार आरोपी और उनकी भूमिका :

  1. अमन बिसारिया – प्राइवेट आई टेक्नीशियन, जिसने वॉयस चेंजर ऐप से महिला की आवाज में फोन कर धमकाया।
  2. रियाज अत्तारीटाइम्स न्यूज इंडिया पोर्टल का संचालक, जिसने खबर छापने की धमकी देकर 10,000 रुपये ऐंठे।
  3. फिरोज खान24 सीजी न्यूज का कथित पत्रकार, जिसने और पैसे वसूलने की साजिश रची।
  4. अजय जांगड़े – न्यूज पोर्टल संचालक, जो इस पूरे ब्लैकमेलिंग गिरोह का हिस्सा था।

पीड़ितों की दर्दनाक दास्तां : मदन सिंह पुरले, जो स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं, ने बताया कि इन फर्जी पत्रकारों ने पहले उन पर वित्तीय अनियमितताओं की खबर प्रकाशित करने का दबाव बनाया। इसके बाद निलंबन, सेवा समाप्ति और ट्रांसफर कराने की धमकी देकर उनसे 10,000 रुपये वसूल लिए।

प्रभात गुप्ता के मामले में तो गिरोह और भी खतरनाक निकला। आरटीआई के नाम पर दबाव बनाकर, झूठी खबरें प्रकाशित कर मानसिक प्रताड़ना दी गई। इतना ही नहीं, निलंबन की धमकी देकर 32,000 रुपये तक वसूले गए!

कैसे हुआ गिरोह का भंडाफोड़? : गिरोह की साजिश का पर्दाफाश तब हुआ जब अमन बिसारिया ने वॉयस चेंजर से कॉल कर खुद को किसी अधिकारी का प्रतिनिधि बताया और शिकायतकर्ता को धमकाया। इसके बाद रियाज अत्तारी ने उनसे पैसे मांगे। जब मामला बढ़ा, तो शिकायतकर्ता ने हिम्मत दिखाते हुए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई।

एसपी धर्मेंद्र सिंह के निर्देश पर एएसपी पुष्पेंद्र बघेल एवं पंकज पटेल के मार्गदर्शन और एसडीओपी कृष्ण कुमार चंद्राकर के पर्यवेक्षण में कवर्धा थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की।

थाना प्रभारी लालजी सिन्हा की टीम ने साइबर सेल की मदद से इस हाई-प्रोफाइल ठगी का खुलासा किया। इसमें एएसआई चंद्रकांत तिवारी, संजीव तिवारी, प्रधान आरक्षक चुम्मन साहू और अभिनव तिवारी की विशेष भूमिका रही।

अब क्या होगा? : गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है। यह कार्रवाई उन फर्जी पत्रकारों के लिए एक कड़ा संदेश है, जो पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग का खेल खेलते हैं।

कबीरधाम पुलिस की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से जिले में हड़कंप मच गया है और अब अन्य पीड़ित भी खुलकर सामने आने लगे हैं।